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पटना में बनेगा देश का पहला हिन्दू तीर्थ भवन

पटना : पटना के आशियाना नगर में देश का पहला हिन्दू तीर्थ भवन बनने जा रहा है। हिन्दू पंथ के सभी तीर्थयात्रियों के लिए इसके दरवाजे खुले रहेंगे। यानि हिन्दुओं के अलावा सिख, जैन, बौद्ध तथा सभी पंथों एवं संप्रदायों के लोग इसमें आकर ठहर सकते हैं। भवन का निर्माण एक वर्ष के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।

विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा ने सोमवार की सुबह इसका शिलान्‍यास किया। शिलान्‍यास के बाद तोगड़िया ने कहा कि, राज्‍य सरकार को चंपारण सत्याग्रह किसानों की चिंता करनी चाहिए। आजादी के समय देश के जीडीपी में किसानों का योगदान ७० प्रतिशत था, जो अब घट कर १४ प्रतिशत रह गया है।

ट्रस्‍ट ने उठाया निर्माण का बीड़ा

भवन के लिए पटना के पद्मश्री डॉ. एसएन आर्या ने जमीन दी है। बोकारो के आर्किटेक्ट सुभाष नेत्रगांवकर ने मॉडल तैयार किया है। बोकारो स्टील सिटी के डिजाइन में नेत्रगांवकर की प्रमुख भूमिका रही है। पटना की प्रमुख ११ लोगो ने ट्रस्ट बनाकर हिन्दू तीर्थ भवन के निर्माण का बीड़ा उठाया है।

ट्रस्ट का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि, इनमें डॉ. एसएन आर्या समेत तीन पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित सदस्‍य शामिल हैं। भवन में देशभर के सभी प्रमुख तीर्थों की जानकारी होगी। साथ ही बिहार से जुड़े सभी तीर्थों के मॉडल बनाए जाएंगे।

विश्व हिन्दू परिषद बिहार के विशेष संपर्क प्रमुख अनिल कुमार के अनुसार, बिहार आने वाले तीर्थ यात्रियों को अगले वर्ष से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अभी स्थिति है कि दूसरे प्रदेशों से आनेवाले तीर्थ यात्रियों के राजधानी में रुकने की व्यवस्था नहीं है। उन्हें सही तरीके से मार्गदर्शन भी नहीं मिलता है। पंडों एवं पुजारियों के चंगुल में फंसकर उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लूटपाट की घटनाएं भी होती हैं।

क्या-क्या बनेगा

पांच हजार स्क्वायर फीट में बननेवाले इस भवन का निर्माण कई चरणों में होगा। इसमें १२ बड़े कमरे होंगे। दो सौ लोगों के लिए एक सभा हॉल होगा। एक म्यूजियम बनाने की भी तैयारी है। इसके अलावा तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए पूछताछ केंद्र भी बनाया जाएगा। कोई भी तीर्थयात्री यहां से बिहार से संबंधित तीर्थ स्थलों की जानकारी ले सकता है।

और क्या-क्या सुविधाएं

पटना से झारखंड के वैद्यनाथ धाम, सीतामढ़ी, गया, नेपाल के जनकपुर आदि प्रमुख तीर्थ स्थलों तक जाने, वहां ठहरने एवं अन्य तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी। रजिस्ट्रेशन करानेवाले यात्रियों की पूरी यात्रा के दौरान निगरानी व विशेष हिफाजत की जाएगी। रास्ते में तबियत खराब होने पर उन्हें चिकित्सकीय सहायता भी मिलेगी। किसी हादसे एवं अन्य मुसीबत आने पर कारसेवा की व्यवस्था होगी।

स्त्रोत : जागरण

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