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पाकिस्तान : तीन बुर्कानशीन बहनों ने ईशनिंदा के आरोपी फजल अब्बास का किया कत्ल

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तीन बुर्कानशीन बहनों ने ईशनिंदा के १३ साल पुराने एक मामले में संदिग्ध ५० वर्षीय व्यक्ति की कथित रूप से गोली मार कर हत्या कर दी। घटना कल लाहौर से लगभग १८० किलोमीटर दूर पसरूर तहसील के नांगल मिर्जा गांव की है। पुलिस के अनुसार, बुर्कानशीन तीन बहनें.. अफसाना, अनमा और रजिया… अपनी परेशानियों के हल के लिए मजहर हुसैन सैयद के घर उनका आशीर्वाद लेने गयी थीं। पसरूर के थाना प्रभारी सईद हिंजरा ने कहा, ‘‘उनका अशीर्वाद लेने के बाद महिलाओं ने उनसे कहा कि, वह अपने बेटे फजल अब्बास को बुला दें, क्योंकि उनमें से एक उनकी छात्रा रह चुकी है और उनसे मिलना चाहती है। अब्बास हाल ही में बेल्जियम से लौटे थे। अब्बास जैसे ही कमरे में आये, महिलाओं ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं, उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। महिलाओं ने अपने बुर्के के नीचे पिस्तौलें छिपाई हुई थीं !’’

हिंजरा ने कहा, ‘‘हमने तीनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों ने पुलिस से कहा कि, उन्होंने एक ईशनिंदक की हत्या की है। उन्हें इसका कोई पश्चताप नहीं है। महिलाओं में से एक लगभग १३ साल पहले पीड़ित की छात्रा थी, जब उन्होंने कथित रूप से ईशनिंदा की थी।’’ थाना प्रभारी ने कहा कि, पुलिस महिलाओं से पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि, अब्बास की हत्या के पीछे कोई अन्य कारण तो नहीं। हिंजरा ने कहा, यह बहुत आश्चर्यजनक है कि, कैसे तीन बहनों ने १३ साल पुराने मामले पर इतना बड़ा कदम उठाया है। हम कुछ स्थानीय धर्मगुरूओं की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।

सूचनाओं के अनुसार, महिलाओं ने अब्बास की हत्या करने के बाद खुशी से नारे लगाए ‘‘हमने एक ईशनिंदक को खत्म कर दिया !’’ थाना प्रभारी ने आरोपियों में से एक के हवाले से कहा, ‘‘हम १३ साल पहले अब्बास को नहीं मार सकीं, क्योंकि हम बहुत छोटी थीं।’’ उन्होंने कहा, अब्बास के खिलाफ २००४ में ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज हुआ था। स्थानीय धर्मगुरूओं के गुस्से से बचने के लिए अब्बास बेल्जियम चले गये थे। वह हाल ही में वापस लौटे थे और स्थानीय न्यायालय से ईशनिंदावाले मुकदमे में जमानत ली थी।

स्त्रोत : जनसत्ता

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