चलचित्रों के माध्यम से हिन्दुआें के आस्था के केंद्रों का सदैव अनादर किया जाता है, केंद्र शासन इसके विरुद्ध कब कार्यवाही करेगा ?
मुंबई – शीघ्र ही प्रदर्शित होनेवाले हिंदी चलचित्र ‘बैंकचोर’ के भित्तिपत्र में तथा यु ट्युब से प्रसारित विज्ञापन में अभिनेता रितेश देशमुख को हिन्दू संन्यासी की वेशभुषा में हाथ में पिस्तौल लेकर अभिनय करता हुआ दिखाया गया है । यह भित्तिपत्र http://www.imdb.com/title/tt 3611266/ संकेतस्थलपर उपलब्ध है । इस अनादर के विषय में अनेक धर्माभिमानियों ने हिन्दू जनजागृति समिति के पास परिवाद किए । समिति द्वारा केंद्रीय परिनिरीक्षण विभाग को पत्र लिखकर इस भित्तिपत्र के विषय में जानकारी देकर इस चलचित्र के निर्माता के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई है ।
ऐसे निर्माताआें को अपने चलचित्रों में हिन्दू संत, स्वामी एवं पंडितों को अयोग्य पद्धति से प्रस्तुत कर अपने आर्थिल लाभ हेतु उनका अनादर करने की आदत ही पड गई है । समिति द्वारा केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण विभाग (सेन्सॉर) को सूचित किया गया है; किंतु इस विभाग की ओर से इसका कोई प्रत्युत्तर नहीं किया गया है; इसलिए धर्माभिमानी निम्न दूरभाष क्रमांकों से अथवा इ-मेल पतेपर सेन्सॉर विभाग को इस अनादर के विरुद्ध अपनी भावनाएं रखकर हिन्दू संतों का अनादर करनेवाले इस भित्तिपत्र को हटा देने का अनुरोध कर रहे हैं ।
दू. क्र. : ०२२- २३५१०४७६, ०२२-२३५१०४७८
इ-मेल : [email protected], [email protected]
हिन्दुद्रोही घटनाआें का संयमित पद्धति से निषेध कीजिए !
हिन्दुद्रोहियों का निषेध करने के पीछे यह उद्देश्य होता है कि, उनमें वैचारिक परिवर्तन करना अतः ऐसे किसी का भी निषेध करते समय उसका निषेध तात्त्विक आधारपर एवं वैचारिक स्तरपर कीजिए ! निषेध करने के पीछे चूक करनेवाले व्यक्ति को उसकी चूक ध्यान में लाकर उसे योग्य मार्गपर लाने का व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए !