कार्तिक कृष्णपक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
दमिश्क : तुर्की की सीमा से लगे सीरियाई शहर कोबानी में चल रही लड़ाई के दौरान आईएसआईएस के आतंकवादी लोगों की गर्दनें काट कर उन्हें चौराहे पर टांग दे रहे हैं। बेगुनाहों को पकड़-पकड़ कर उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है। आतंकियों के चंगुल से बच निकले लोगों का कहना है कि आईएसआईएस के लड़ाके लोगों को डराने के लिए ऐसा कर रहे हैं, ताकि कोई उनका विरोध नहीं कर सके। उधर, ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिनसे आशंका जताई जा रही है कि आईएसआईएस लोगों को मारने के लिए रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। ये तस्वीरें आतंकियों के हाथों मारे गए कुर्द लोगों की है। मिडल ईस्ट वॉचडॉग की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआईएस के हाथ संभवत: इराक के पूर्व शासक सद्दाम हुसैन के रासायनिक हथियार लग गए हैं। वैसे, यह गौरतलब है कि इराक में रासायनिक हथियार पाया जाना आज तक साबित नहीं हो पाया है।
गर्दन काट चौराहों पर टांग रहे आतंकी
आतंकियों के चंगुल से भागकर तुर्की के सुरुक स्थित शिविर में पहुंचे १३ साल के दिलयार ने बताया कि कोबानी में आतंकियों ने सैकड़ों बेगुनाह लोगों को पकड़ कर उनकी गर्दनें काट दीं। फिर उन्हें शहर के अलग-अलग चौराहों पर टांग दिया, ताकि बाकी बचे लोग इस्लामिक स्टेट का विरोध नहीं कर सकें। दिलयार ने कहा कि उसके चचेरे भाई मुहम्मद को आतंकियों ने पकड़ लिया था। जैसे ही वह चीखा, काले कपड़े पहने एक आतंकी ने उसे जमीन पर पटक दिया। छुरा निकाला और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। दिलयार ने बताया कि वह जैसे-तैसे वहां से भागा, लेकिन अब तक उसके दिमाग से वह मंजर निकल नहीं पा रहा है।
‘हर तरफ बिना सिर वाली लाशें’
आईएसआईएस के चंगुल से भागे लोगों का कहना है कि आईएसआईएस जिस बर्बरता से हत्याएं करता है, उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि कोबानी में हर तरफ बिना सिर वाली लाशें पड़ी हुई हैं और कइयों की आंखें भी निकाल ली गई हैं। इनमें से ज्यादातर कुर्द हैं। ऐसे ही एक शख्स और चार बच्चों के पिता अमीन फजार ने कहा, “मैंने १०० से ज्यादा ऐसी लाशें देखीं जिनके सिर गायब थे। कुछ लाशों से हाथ या पैर गायब थे। कुछ ऐसी भी लाशें थीं जिनसे आंखें निकाल ली गई थीं और जीभ काट ली गई थी। जब तक मैं जिंदा रहूंगा, शायद ही इस घटना को भूल पाऊं।”
कहा जा रहा है कि आईएस लड़ाकों के हाथ संभवत: सद्दाम हुसैन के रासायनिक हथियार लग गए हैं और कथित तौर पर वे इसका इस्तेमाल कुर्द लोगों के खिलाफ कर रहे हैं। वहीं, इराक में रासायनिक हथियारों का होना आज तक साबित नहीं हो सका है।
और, भी कुछ ऐसी ही तस्वीरे इन जल्लादोंकी…
आइ.एस.आइ.एस.समान आतंकवादी संगठनोंकी क्रूर कार्यवाहियोंका सामना करने हेतु क्या भारतके हिन्दूू सिद्ध हैं ?इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एण्ड सीरिया (आइएसआइएस) आतंकवादी संगठनके आतंकवादियोंने अत्यधिक क्रूरतासे अमेरिका तथा ब्रिटेनके नागरिकोंके गले चीरकर उनका वीडियोे (ध्वनिचित्रीकरण) प्रसारित किया है एवं इस माध्यमसे वे पूरे विश्वमें आतंक मचाकर इस्लामिक शासन लाना चाहते हैं । इस संगठनमें भारतके कुछ धर्मांध युवक साqम्मलित हुए हैं । वे पुनः भारतमें आनेके मार्गपर हैं । यदि कल आइ.एस.आइ.एसने भारतमें इस प्रकारसे कार्यवाहियां चालू कीं, तो उसके कितने गम्भीर परिणाम भुगतने पडेंगे, राजनेताओं एवं हिन्दुओंने क्या इसका विचार किया है ? आइ.एस.आइ.एस के आतंकवादियोंद्वारा कितनी क्रूरतासे नागरिकोंकी हत्या हो रही है, इसकी भीषण वास्तविकता दर्शानेवाले कुछ छायाचित्र यहां प्रसिद्ध कर रहे हैं ।
स्त्रोत :दैनिक भास्कर
हिन्दुओंको विशेष रूपसे आवाहन!
ये छायाचित्र केवल प्रातिनिधिक हैं । आइ.एस.आइ.एस.के आतंकवादियोंके आक्रमणकी भयानकता ध्यानमें आने हेतु हिन्दू विविध जालस्थलोंपर उपलब्ध छायाचित्र भी देखें । ये छायाचित्र एवं (वीडियो) चित्रफीत / दृकश्रव्यचक्रिकाओंको देखकर हिन्दुओंको इस बातका भान होगा कि आनेवाले समयका सामना करनेके लिए उन्हें स्वयंकी शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक सिद्धता कितनी तीव्र गतिसे करनी चाहिए !
निवेदन : ये छायाचित्र किसीकी भावनाओंको भडकाने हेतु नहीं, अपितु आतंकवादी कितने क्रूर होते हैं, यह दिखाने हेतु राष्ट्रहितार्थ प्रकाशित कर रहे हैं ।