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व्यष्टि एवं समष्टि प्रारब्ध, देन-लेन हिसाब, कालावधि आदि मूलभूत कारणों को ध्यान में लेकर उसपर उपाय केवल अध्यात्मशास्त्र ही बता सकता है

किसी भी घटना का मूल कारण ढूंढे बिना उस पर आधुनिक वैद्य, न्यायाधीश, सरकार आदि सभी केवल उपरि तौर पर उपाय करते हैं । इसके विपरीत व्यष्टि एवं समष्टि प्रारब्ध, देन-लेन हिसाब, कालावधि आदि मूलभूत कारणों को ध्यान में लेकर उसपर उपाय केवल अध्यात्मशास्त्र ही बता सकता है !

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