मुख पृष्ठ > सुवचने > अन्य > सर्वधर्मसमभाव के पक्षधर अंधे, बहरे एवं मंदबुद्धि हैं और उनमें सत्य को जान लेने की इच्छा ही नहीं है । सर्वधर्मसमभाव के पक्षधर अंधे, बहरे एवं मंदबुद्धि हैं और उनमें सत्य को जान लेने की इच्छा ही नहीं है । सर्वधर्मसमभाव के पक्षधर अंधे, बहरे एवं मंदबुद्धि हैं और उनमें सत्य को जान लेने की इच्छा ही नहीं है । TwitterFacebookWhatsapp