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नवरात्रिकी नौ रातें प्रतिदिन गरबा खेलना

नवरात्रिमें विभिन्न प्रांतोंमें किए जानेवाले धार्मिक कार्यक्रमों का एक महत्त्वपूर्ण विधि है, गरबा । नवरात्रों में गुजरात में मातृशक्ति के प्रतीक अनेक छिद्रों वाले मिट्टी के कलश में रखे दीपक का पूजन करते हैं । यह `दीपगर्भ’ स्त्री की सृजनशक्ति का प्रतीक है । इस मान्यतासे नौ दिन `दीपगर्भ’ पूजा जाता   है । `दीपगर्भ’से `दीप’ शब्द का लोप होकर गर्भ-गरभो-गरबो अथवा गरबा शब्द प्रचलित हुआ ।

गरबा दृश्यपट (Navratri Video)

१. ‘गरबा खेलने’का क्या अर्थ है ?

‘गरबा खेलने’को ही हिंदु धर्ममें तालियोंके लयबद्ध स्वरमें देवी का भक्तिरसपूर्ण गुणगानात्मक भजन कहते हैं । गरबा खेलना, अर्थात तालियोंकी नादात्मक सगुण उपासनासे श्री दुर्गादेवीको ध्यानसे जाग्रत कर, उन्हें ब्रह्मांडके लिए कार्य करने हेतु मारक  रूप धारण करनेका आवाहन करना ।

२. गरबा दो तालियोंसे खेलना चाहिए अथवा तीन तालियोंसे ?

नवरात्रिमें श्री दुर्गादेवीका मारक तत्त्व उत्तरोत्तर जाग्रत होता है । ईश्वरकी तीन प्रमुख कलाएं हैं – ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश । इन तीनों कलाओंके स्तरपर देवीका मारक रूप जाग्रत होने हेतु, तीन बार तालियां बजाकर ब्रह्मांडांतर्गत देवीकी शक्तिरूपी संकल्पशक्ति कार्यरत की जाती है । इसलिए तीन तालियोंकी लयबद्ध हलचलसे देवीका गुणगान करना अधिक इष्ट एवं फलदायी होता है । तीन तालियोंका अर्थ आगे दिए अनुसार है ।

अ. पहली ताली ब्रह्मासे, अर्थात इच्छाशक्तिसे संबंधित है । इस कारण ब्रह्मांडांतर्गत ब्रह्माकी इच्छातरंगें जाग्रत होकर,  जीवके भावानुसार उसके मनकी इच्छाका समर्थन करती हैं ।

आ. दूसरी तालीके माध्यमसे विष्णुरूपी कार्य-तरंगें प्रत्यक्ष इच्छारूपी कर्म होने हेतु, जीवको शक्ति प्रदान करती हैं ।

इ. तीसरी तालीके माध्यमसे शिवरूपी ज्ञानतरंगें प्रत्यक्ष कार्य करवाकर उससे निर्मित परिणामद्वारा जीवको इच्छित  फलप्राप्ति करवाती हैं । तालीके आघातसे तेजकी निर्मिति होती है और देवीके मारक रूपको जाग्रत करना संभव होता है । ताली बजाना तेजकी आराधनाका दर्शक है । ताली बजाते हुए, गोलाकार फेरे लेकर, मंडल बनाकर देवीतत्त्वका आवाहन करनेवाले भक्तियुक्त भजन गानेसे देवीके प्रति भाव जाग्रत होनेमें सहायता मिलती है ।

गरबाके समय गोलाकार फेरे लेकर बनाया गया मंडल ‘घट’का प्रतीक होता है ।’

संदर्भ – सनातनका ग्रंथ, ‘देवीपूजनसे संबंधित कृत्योंका शास्त्र एवं अन्य ग्रंथ

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