प्रश्नों पर ध्यान से विचार करें !
१. प्रश्न को ठीक से समझ लीजिए । उस में क्या पूछा है, कितने सूत्र (मुद्दे) लिखने हैं, यह ध्यान में रखकर लिखना आरंभ करें । यदि प्रश्न में लिखा हो कि ‘प्रक्रिया न लिखें अथवा आकृति न बनाएं’, तो सूचना का पालन कीजिए ।
२. प्रत्येक प्रश्न के लिए कितने अंक हैं, उसके अनुसार उसका उत्तर लिखने में कितना समय देना है, यह निश्चित करें । वैसा हो, इसका ध्यान रखें ।
३. यथासंभव सरल प्रश्नों के उत्तर पहले लिखें । कठिन प्रश्नों में अधिक समय गंवाकर, सरल प्रश्नों के सहजता से मिल सकनेवाले अंक न गंवाएं ।
४. आवश्यक सभी प्रश्न पहले लिख लें, समय शेष हो तो ही अतिरिक्त प्रश्नोंके उत्तर लिखें ।
उत्तर लिखते समय ध्यान में रखने योग्य सावधानियां
१. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर नए पृष्ठ से ही लिखना आरंभ करें । प्रत्येक पृष्ठपर दोनों ओर कुछ रिक्त स्थान (स्पेस) छोडें ।
२. उत्तर लिखते समय ही उसे जांच लेना अच्छा है, अन्यथा परीक्षा के अंतिम १० मिनट पूरी उत्तर-पुस्तिका के पुनरावलोकन के लिए सुरक्षित रखें ।
३. परीक्षा भवन में दूसरे छात्र आपसे कुछ पूछें, तो उसपर ध्यान न दें । अपना पूरा ध्यान अपनी उत्तर-पुस्तिका पर ही रखें एवं सभी प्रश्नों के उत्तर लिखें ।
गणित तथा विज्ञान के प्रश्नों के उत्तर लिखते समय ध्यान रखने योग्य सावधानियां
१. गणित के प्रश्नों के उत्तर लिखते समय संख्याओं के जोड-घटाने संबंधी चूकें न हों ।
२. गणित के प्रश्न सुलझाते समय कच्चा-पक्का (रफ-फेअर) ऐसा न करें । आवश्यक कच्चा गणित (रफवर्क) दार्इं ओर कर प्रश्न हल करें ।
३. गणित एवं विज्ञान की उत्तर-पुस्तिकाओं में उत्तर लिखते समय जहां आवश्यक हो, वहां इकाई (यूनिट) अवश्य लिखें, अन्यथा उसके अभाव में कुछ अंक काटे जा सकते हैं ।
किसी उत्तर का स्मरण न हो रहा हो, तो करने योग्य प्रार्थना
उत्तर-पुस्तिका लिखते समय किसी प्रश्न के उत्तर का स्मरण न हो रहा हो, तो कुलदेवता अथवा उपास्यदेवता से प्रार्थना करें, ‘मेरी बुदि्धपर आया काली (कष्टप्रद) शक्ति का आवरण नष्ट होने दीजिए एवं मुझे ….. इस प्रश्न का योग्य उत्तर सूझने दीजिए ।’
संदर्भ : सनातन-निर्मित ग्रंथ ‘अध्ययन कैसे करें ?’