बच्चो, परीक्षा के लिए जाते समय आसन क्रमांक(सीट क्रमांक), अतिरिक्त उत्तर-पुस्तिकाएं, पर्यवेक्षकों के हस्ताक्षर, प्रवेशपत्र(हॉल टिकट), परीक्षा से संबंधित सूचनाएं, अध्ययन का तनाव, ऐसी अनेक बातों का आपको सामना करना पडता है एवं इस तनाव के कारण साधारण लगनेवाली बातों में भी आपसे चूक (गलतियां) हो सकती हैं । इन चूकों से बचने हेतु आगे कुछ सूत्र दे रहे हैं ।
प्रश्नपत्र के उत्तर लिखने से पहले क्या करें ?
अ. परीक्षा केंद्रपर लगभग आधा घंटा पहले पहुंचें । तत्पश्चात अपना आसन क्रमांक तथा कक्ष क्रमांक ठीक से देख लें ।
आ. ऐसी कोई भी वस्तु अपने साथ परीक्षा भवन में न ले जाएं, जिसे नकल मानकर पकडा जा सके ।
इ. लाल, हरे तथा काले रंगोंकी मसीका (स्याहीका) उपयोग परीक्षक उत्तर-पुस्तिका जांचने के लिए करते हैं । इसलिए उत्तर लिखने के लिए नीली मसी की दो लेखनी (पेन) अपने साथ रखें ।
ई. परीक्षा आरंभ होने के पूर्व कुलदेवता अथवा उपास्यदेवता से प्रार्थना करें एवं दस मिनट तक नामजप करें ।
उ. पर्यवेक्षक जो मौखिक सूचनाएं दें, उन्हें अच्छे से सुनें एवं जो फलक पर लिखी हों, उन्हें ध्यान से पढें । पर्यवेक्षक अथवा शिक्षकों के अतिरिक्त अन्य किसी से कुछ भी न पूछें ।
ऊ. उत्तर-पुस्तिका हाथ में आनेपर प्रथम उसके पृष्ठ एवं क्रमांक जांच लें ।उत्तर-पुस्तिका में त्रुटि हो, तो उसे लौटाकर दूसरी लें । तत्पश्चात ही उस पर अपना आसन क्रमांक तथा अन्य विवरण सूचना के अनुसार लिखें ।
ए. परीक्षा के समय विद्यार्थी को वातावरण की अनिष्ट शक्तियां कष्ट (उदा.उत्तर न सूझना, पढा हुआ विषय स्मरण में न आना) दे सकती हैं । इनसे बचने के लिए हमारे सर्व ओर सुरक्षा-कवच होना आवश्यक है । इसलिए आंखें बंद करें एवं मन से कल्पना कर (सूक्ष्म से) अपने, तथा आसन एवं उत्तर-पुस्तिका के सर्व ओर नामजप का मंडल बनाएं । इससे परीक्षा के समय अनिष्ट शक्ति की बाधा नहीं होगी ।
ऐ. प्रश्नपत्र मिलने पर उसके पृष्ठ एवं प्रश्न क्रमांक व्यवस्थित हैं, यह सुनिश्चिति करें । तदुपरांत प्रश्नपत्र के ऊपर दाहिने कोने में अपना आसन क्रमांक लिखें तथा प्रश्नपत्र पढना आरंभ करें ।
ओ. प्रश्नपत्र पर कुछ भी लिखना अथवा उसका आदान-प्रदान करना प्रतिबंधित होता है । अतः, आवश्यक हो तो सरल प्रश्नों पर चिह्न के रूप में एक छोटा-सा बिंदु लगा सकते हैं, जिससे इन बिंदुवाले प्रश्नों के उत्तर आप पहले लिख सकते हैं ।
औ. प्रश्नपत्र के तथा प्रत्येक प्रश्न के आरंभ में दी सूचनाएं ध्यान से पढें । कौनसे प्रश्न के लिए कितने अंक हैं तथा कौनसे प्रश्न अथवा उपप्रश्न के लिए विकल्प दिए गए हैं, इसकी ओर भलीभांति ध्यान दें ।
अं. घंटी बजनेपर ही उत्तर लिखना आरंभ करें । उस समय मन में यह भाव रखिए कि ‘मेरे देवता मुझसे उत्तर लिखवा रहे हैं । मुझसे सभी प्रश्नों के सही उत्तर ही लिखे जाएंगे’, इस विश्वास के साथ उत्तर-पुस्तिका में लिखें ।