श्रावण शुक्ल ८ , कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ इस बातका भान रखें कि हिंदू धर्मपर होनेवाले आघातोंके विरोधमें केवल हिंदू जनजागृति समिति ही तुरंत प्रतिकार प्रदर्शित करती है; किंतु बलशाली हिंदूनिष्ठ संगठनोंद्वारा कोई भी कृत्य नहीं किया जाता !
मुंबई – कॅडबरी इस बहुराष्ट्रीय आस्थापनद्वारा कॅडबरी पर्क इस चॉकलेटका विज्ञापन करने हेतु दो हिंदू युवक-युवती अभिभावकोंकी अनुमतिके बिना भागकर विवाह करनेका निश्चय करते हैं । इसका शब्दशः अर्थ लेकर, पथपर दौडती हुई स्थितिमें उनपर विवाह संस्कार किए जानेका दृश्य इस विज्ञापनाद्वारा प्रसारित किया गया है । इस प्रकार हिंदू धर्मके सोलह पवित्र संस्कारोंमेंसे एक विवाह संस्कारोंका अनादर किया गया है । अतः हिंदू जनजागृति समितिने इसका निषेध कर इस संबंधमें आस्थापनको त्वरित पत्र भेजकर यह चेतावनी दी है कि विज्ञापन त्वरित बंद करें, अन्यथा आपके उत्पादनोंका बहिष्कार किया जाएगा । इस आशयका पत्र धर्माभिमानी श्री. राकेश गोरखाने भी इस आस्थापनको भेजा है ।
धर्माभिमानी हिंदू निम्न निर्देशित पतेपर
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हिंदू जनजागृति समितिके समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरद्वारा कॅडबरी बहुराष्ट्रीय आस्थापनके लिए लिखे गए पत्रमें ये सूत्र अंतर्भूत हैं –
१. हिंदू धर्ममें विवाह संस्कार अत्यंत पवित्र माना गया है । ऐसा होते हुए भी इस विज्ञापनमें वधू एवं वरके पथपर दौडते हुए दोपहिएपर ब्र्राह्मणद्वारा उनपर विवाह संस्कार करते हुए प्रसारित किया गया है । उसमें मंत्रोच्चारण, होमहवन, सप्तपदी आदि धार्मिक कृत्य समाविष्ट हैं ।
२. इन सभी धार्मिक कृत्योंका महत्त्व होनेके कारण विज्ञापनद्वारा इन संस्कारोंका अनादर कर करोडों हिंदुओंकी भावना आहत की गई है । इस प्रकार आप मुसलमानोंकी धार्मिक भावना आहत करनेका साहस नहीं करेंगे ।
३. इससे पहले भी आपने कॅडबरी ग्लुकोज पर्क इस उत्पादनका विज्ञापन करते समय महाभारत, हिंदुओंके इस पवित्र धर्मग्रंथके वस्त्रहरण प्रंसगका अनादर किया था । उस समय भी हिंदू जनजागृति समितिने आपको चेतावनी दी थी । उसके पश्चात ही आपने यह विज्ञापन निरस्त किया था । अब आपने पुनः अनादर किया है । यह विज्ञापन भी आप तुंरत निरस्त करें अन्यथा आपके आस्थापनके विरोधमें हम पूरे देशमें आंदोलन करेंगे । (एक बार भान करवाकर देनेके पश्चात भी जानबूझकर पुनः अनादर करनेवाली कॅडबरी आस्थापन क्या हिंदुओंकी सहनशीलताका अंत देख रही है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात