मित्रो, गणेशजी अपने आराध्य देवता हैं । गणेशजी बुद्धीदाता होनेसे विद्यार्थियोंके जीवनमें उनका विशेष महत्त्व है । हम गणेशजीकी पूजा करते हैं । वे हमें ज्ञान तथा आनंद प्रदान करते हैं । इसके साथ ही मानवको दैनंदिन कार्य करनेके लिए जो प्राणशक्ति आवश्यक है, वह भी वे ही हमें प्रदान करते हैं । मित्रो, गणेशजी के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं । फिर यदि उनका अनादर हो, तो हमें अच्छा लगेगा क्या ? वे हम सभी की ‘मां’ हैं । मित्रो, हम श्री गणेशका अनादर कदापि सहन नहीं करेंगे ।
इस गणेशोत्सवमें जो कोई भी गणेशजी का अनादर करेगा, उन्हें हमें परावृत्त करना चाहिए । तब ही हमपर वास्तवमें गणेशजीकी कृपा होगी ।
१. विविध माध्यमोंसे होनेवाला गणेशजी का अनादर तथा उसे टालनेके लिए किए जानेवाले उपाय
१ अ. गणेशजी का चित्रयुक्त परीक्षा पैडका लिखनेके लिए प्रयोग किया जाना : आजकल बच्चे परीक्षाके लिए जाते समय गणेशजी के चित्रयुक्त परीक्षा पैडका उपयोग करते हैं । जहां गणेशजी का चित्र है, वहां उस देवताका अस्तित्व है । फिर मित्रो, गणेशजी नीचे तथा उनपर हम उत्तरपत्रिका लिखेंगे, फिर वह पैड कहीं भी रख देंगे । इससे हमारेद्वारा देवताका अपमान नहीं होगा क्या ? मित्रो, हम गणेशजी के स्थानपर अपने माता-पिताका छायाचित्र रख सकते हैं क्या ? नहीं न ? इसके विपरीत हम उत्तरपत्रिका लिखने से पूर्व गणेशजीको नमस्कार करके प्रार्थना करनी चाहिए । मित्रो, हमें यह अनादर रोकना ही होगा । यही गणेशजी को अच्छा लगेगा ।
१ आ. गणेशजी के चित्रयुक्त टी-शर्टका उपयोग करना : मित्रो, प्रत्येक वस्तुको हम योग्य स्थानपर ही रखते हैं । भगवान का स्थान सबसे अच्छे स्थानपर अर्थात पूजाघरमें होता है, फिर ऐसे देवताके चित्रटी-शर्टपर कैसे छापें ? यह उचित है क्या ? हम अपने कपडे कहीं भी डालते हैं । उसे धोते समय पटकते हैं, ब्रशसे घिसते हैं । मित्रो, जहां देवताका चित्र है वहां उनका अस्तित्व भी है न । फिर गणेशजीको ब्रश से घिसना अपने गणेशजी का घोर अनादर ही है । मित्रो, क्या आप पापके भागीदार बनेंगे । नहीं न, तो आप अपने मित्रोंका मित्रोंका प्रबोधन करनेका निश्चय करें ।
१ इ. कार्टून स्वरूपमें गणेशजी का चित्र बनाना अथवा अधूरा चित्र बनाना : आजकल बच्चे चित्रकला के नामपर कार्टूनके रूपमें गणेशजी का चित्र बनाते हैं । उसी प्रकार गणेशजीकी मूर्तिके प्रत्येक भागके अलग-अलग चित्र बनाते हैं अथवा केवल गणेशजी का मुखौटायुक्त चित्र बनाते हैं । मित्रो, हम स्वयंका ऐसा अधूरा चित्र बनाएंगे क्या ? कोई भी चित्र पूर्ण होनेपर ही उस देवताकी शक्ति प्रक्षेपित होती है । ऐसे अधूरे चित्र होंगे, तो उससे बुरे स्पंदन आते हैं । मित्रो, मान लो किसी व्यक्तिने अपनी मां का ऐसा अधूरा चित्र बनानेके लिए कहा, तो हम बनाएंगे क्या ?
१ ई. कार्टून स्वरूप में गणेशजी के चित्रकी रंगोली बनाना : कुछ बच्चे रंगोली की स्पर्धा में भाग लेते हैं तथा गणेशजी के चित्र की रंगोली बनाते हैं । कार्टून स्वरूप में अथवा मूर्ति के अवयवों की रंगोली बनाते हैं । मित्रो, गणेशजी की रंगोली बनाना क्या कोई शोभायमान चित्र है ? यह तो अपने देवी-देवताओंके विषय में भक्तीभाव न्यून होने का द्योतक है । अपने देवताओं के विषय में भक्तीभाव अल्प होने का यह लक्षण है । इससे हम पर गणेशजी की कृपा होगी क्या ? नहीं न ? मित्रो, हमें यह सब रोकना चाहिए, तब ही गणेशजी हमें आशीर्वाद देंगे । इस गणेशोत्सव में रंगोली बनाई हुई हो तो इससे भगवानका अपमान होता है, इस विषय में बताना चाहिए ।
१ उ. अपनी बहीपर गणेशजी का स्टीकर होना तथा बही कहीं भी रखी जाना : मित्रो, अनेक लोगों की बहियों (Note Book) पर कार्टून स्वरूप में गणेशजी का स्टीकर होता है । कार्टून स्वरूप में गणेशजी होना, यह एक अनादर ही है और ऐसी बही कहीं भी रखनेसे उनका और अनादर ही होता है । मित्रो, हमें सभीका प्रबोधन कर के यह गणेशजी का होनेवाला अपमान रोकना ही चाहिए ।
१ ऊ. अगरबत्तियोंके वेष्टनोंपर गणेशजी का चित्र होना : मित्रो, अगरबत्ती समाप्त होनेपर उसके वेष्टन कूडेदान में फेंक दिए जाते हैं । जिस देवताको हम अपना आराध्य देवता मानकर पूजते हैं, उसका यह घोर अनादर है । ऐसा अनादर करने की अपेक्षा हमें ऐसी अगरबत्तियां खरीदनी ही नहीं चाहिए, जिस पर देवताओं के चित्रयुक्त वेष्टन हों । जो दुकानदार ऐसी अगरबत्तियोंकी बिक्री करते हैं, उन्हें भी बताना कि ऐसी अगरबत्तियां अपनी दुकान में न रखें ।
१ ए. विसर्जन की शोभायात्रा में गणेशजी का मुखौटा डालकर अश्लील हाव-भाव करते हुए नृत्य करना : कुछ लोग विसर्जन की शोभायात्रा में गणेशजी का मुखौटा डालकर तथा ‘रीमिक्स’ सिनेगीतोंपर अश्लील हाव-भाव करते हुए नाचते हैं । यह भी अपने गणेशजी का घोर अनादर ही है । मित्रो, ऐसा अनादर हो रहा हो, तो उसे तुरंत रोकना ही चाहिए । इसीसे गणेशजी की कृपा होगी । उसी प्रकार गणेशजी के सामने ऐसे नाचते हुए विसर्जन करने से बच्चों के मन में भगवान गणेशजी के विषय में भक्तीभाव बढेगा क्या ? इसके लिए यह अश्लील प्रकार बंद करने के लिए हम सभी को प्रयत्न करने चाहिए ।
१ ऐ. गणेशजी का चित्रयुक्त बस्तेका उपयोग करना : बस्ता देवताओं के चित्र लगाने का स्थान है क्या ? जिन बस्तोंपर गणेशजी अथवा अन्य देवताओंके चित्र हैं, ऐसे बस्तोंकी खरीदी ही न करें । हम बस्ता कैसे भी रखते हैं और अप्रत्यक्षरीतिसे देवताओं का अनादर करते हैं । हमें अपने मित्रों को बताना चाहिए कि ऐसे बस्ते नहीं खरीदने चाहिए ।
मित्रो, इस गणेशोत्सव के निमित्त हमें निश्चय करना है कि, हमारे बुद्धीदाता गणेशजी का अनादर कभी सहन नहीं करेंगे । उनके द्वारा दी गई बुद्धी के कारण ही हम पढाई कर पाते हैं । हम भगवान गणेशजी के चरणों में क्षमा मांगकर प्रार्थना करेंगे, ‘हे गणेश भगवानजी, आज तक हमसे अज्ञानवश आपका जो अनादर हुआ है, उसके लिए आप हमें क्षमा करें । हम अनंत अपराधी हैं । हे गणेश भगवानजी, यह सर्व रोकने के लिए आप ही हमसे प्रयत्न करवा लें’, यही आपके चरणों में प्रार्थना है !’
– श्री. राजेंद्र पावसकर (अध्यापक), देवद, पनवेल.