४ सितंबर, १८२५ को दादाभाई नौरोजी का जन्म मुंबई में हुआ था। उनकी शिक्षा यहां के ‘नेटिव एजुकेशन सोसाइटी’ नामक संस्था की पाठशाला में हुई ।अपनी शिक्षा पूर्ण करनेपर वे एलफिन्स्टन महाविद्यालय में गणित के अध्यापक के रूप में काम संभाला । इस महाविद्यालय में अध्यापक के पदपर नियुक्त वे प्रथम भारतीय थे । ‘ज्ञानप्रसार सभा’ नामक संस्था की स्थापना में उनका योगदान था । इसी संस्था के माध्यम से उन्होंने मुंबई में पहली कन्या पाठशाला की स्थापना की । उन्होंने ‘रास्त गोफ्तार’ साप्ताहिक पत्र के माध्यम से समाज जागृति के कार्य को आरंभ किया । उन्होंने ‘बौम्बे एसोसिएशन’नामक संस्था की स्थापना में भी अपना योगदान दिया है । १८५५ में एक निजिकंपनी के (आस्थापन के) कार्य के उद्देश्य से वे इंग्लैंड गए । इस काल में उन्होंने वहां पर ‘ईस्ट इंडिया एसोसिएशन’ नामक संस्था की स्थापना की । भारत लौटनेपर १८७५ में वे मुंबई महानगरपालिका के सभासद बन गए । १८८५ में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य नेता के रूप में उन्होंने काम किया । इस संस्था की स्थापना में भी उनका महत्त्वपूर्ण सहयोग था । ब्रिटिश सांसद में प्रथम भारतीय (हिन्दी) सभासद बनने का कीर्तिमान उन्होंने प्राप्त किया था । इसके साथ ही रॉयल कमिशन के पहले हिन्दी सभासद बनने का सम्मान भी उन्हें ही प्राप्त हुआ था । दिनांक ३० जून, १९१७ को उनकी मृत्यु हो गई ।